Nippon India Growth Mid Cap Fund Direct Growth एक Equity Mid Cap Mutual Fund है, जिसने पिछले 3 सालो में लगभग +24.4% का वार्षिक रिटर्न दिया है। ग्रोव platform से मिली जानकारी के अनुसार, इसका NAV (सितंबर 2025) लगभग ₹4,585.01 है और Fund Size ₹38,385.96 करोड़ के आस-पास है। इस Fund में high return दिया हे पर साथ हे में high risk भी है। ये Fund उन लोगों के लिए जो growth potential वाले mid-size कंपनियों में निवेश करना चाहते है।
Nippon India Growth Fund Direct – मुख्य Holdings और पोर्टफोलियो संरचना
इस Fund की Holdings लगभग 95 कंपनियां में हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नाम हैं: Fortis Healthcare, Persistent Systems, Voltas, AU Small Finance Bank और Dixon Technologies।
Nippon India Growth Direct fund ने Financials, Healthcare, Consumer Discretionary जैसे sectors में diversified किया है और Fund का Expense Ratio लगभग 0.70% है, जो इस सेगमेंट में moderate माना जाता है।
जोखिम और प्रतिस्पर्धा के पहलू
Mid Cap फंड्स अक्सर नीचे-ऊपर volatility से प्रभावित होते हैं। यदि बाजार में correction आए, तो यह Fund भी तेजी से गिरावट झेलते है और Bull Market में ये तेजी से ऊपर की ओर भागते है। लेकिन आंकड़े दिखाते हैं कि Category Average के मुकाबले इस फण्ड ने काफी बेहतर रेतुर्न दिए है। उदाहरण के लिए, Category Average पिछले 3-साल का लगभग 19.5% है, जबकि Nippon India Growth Mid Cap ने 24.4% का return दिया है।
Mutual Fund निवेशकों के लिए रणनीतियाँ (Tips)
- SIP के माध्यम से निवेश करें ओर शुरुआत में Small amount (₹100-₹1000) से ही शुरू करें।
- निवेश हमेशा लम्बे समय के लिए ही करे, क्युकी 3-5 वर्षों से ऊपर जाने पर compounding लाभ ज्यादा मिलता है।
- निवेश करते वक़्त हमेशा अपने Portfolio को diversify रखे जैसे की Mid Cap Fund के साथ Large Cap और Debt Funds भी रखें ताकि risk कम हो।
- जब भी returns लक्ष्य से अधिक हों या market trend उल्टा हो जाये, उसी समय बाहर निकलने (Exit Strategy) की योजना बनाएं।
निष्कर्ष
Nippon India Growth Mid Cap Fund Direct Growth उन निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो high growth चाहते हैं और थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। यदि आप केवल short term profit की तुलना में long term growth की सोच रहे हैं, तो यह Fund अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन, निवेश करने से पहले अपनी risk tolerance, holding period और financial goal को ध्यान में रखें।