East Facing House Vastu Plan
भारतीय वास्तुशास्त्र में East Facing House को अत्यंत शुभ माना गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व दिशा से आने वाली सूर्य की पहली किरण घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है और जीवन मे उमग भर्ती है। यही कारण है कि आज भी रियल एस्टेट बाजार में पूर्व मुखी प्लॉट और मकानों की मांग सबसे ज्यादा होती है और इसके लिए अधिक राशि भी चुकानी पड़ती है।
पूर्व दिशा का महत्व वास्तुशास्त्र में
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार पूर्व दिशा स्वास्थ्य, समृद्धि और नई संभावनाओं का प्रतीक है। इस दिशा में मुख्य द्वार होने से परिवार में खुशहाली आती है और घर में उत्साह और उमंग का वातावरण रहता है। हाल ही में हुए एक सर्वे में पाया गया कि घर खरीदने वाले 60% लोग पूर्व दिशा को सबसे शुभ मानते हैं।
पूर्व मुखी मकान में शौचालय किधर होना चाहिए?
पूर्व मुखी मकान में शौचालय किधर होना चाहिए—यह सवाल अक्सर लोग पूछते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार शौचालय का निर्माण घर के दक्षिण-पश्चिम (South-West) या उत्तर-पश्चिम (North-West) हिस्से में किया जाना चाहिए। पूर्व दिशा या ईशान कोण (North-East) में शौचालय बनाना अशुभ माना जाता है।
पूर्व मुखी मकान में सीढ़ियां कहा होनी चाहिए?
वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व मुखी मकान में सीढ़ियां का भी महत्व होता है क्युकी इसका सीधा असर घर की ऊर्जा पर पड़ता है। सही दिशा दक्षिण या पश्चिम मानी जाती है। यदि सीढ़ियां उत्तर-पूर्व कोने में बनाई जाएं तो इससे घर में मानसिक तनाव और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
आधुनिक दृष्टिकोण और वास्तु ट्रेंड
आज के दौर में वास्तु को विज्ञान और वास्तुकला का संतुलन माना जा रहा है। East Facing House अब सिर्फ पारंपरिक मान्यता नहीं बल्कि आधुनिक डिजाइन का हिस्सा बन चुका है। रियल एस्टेट कंपनियां भी ग्राहकों की बढ़ती मांग को देखते हुए Vastu compliant प्रोजेक्ट्स तैयार कर रही हैं।