शाम के समय दीपक का मुंह किधर होना चाहिए – इसका धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
हिंदू धर्म में शाम के समय दीपक जलाना सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि ऊर्जा, शांति और सकारात्मकता का प्रतीक है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है — “शाम के समय दीपक का मुंह किधर होना चाहिए?” वास्तु और धर्मशास्त्र दोनों ही बताते हैं कि दीपक की दिशा घर की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालती है इसीलिए दीपक का मुँह सही दिशा मे होने चाहिए।
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, अगर दीपक की दिशा सही रखी जाए तो ऐसे घर में लक्ष्मी का वास होता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है। वहीं, गलत दिशा में दीपक रखने से घर के भाग्य पर असर पड़ सकता है।
दीपक रखने की सही दिशा: पूर्व या उत्तर सबसे शुभ मानी गई है
वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि शाम के समय दीपक जलाते समय उसका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- पूर्व दिशा: यह सूर्य की दिशा है, जो प्रकाश और ज्ञान का प्रतीक है। इस ओर दीपक रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर मे सूर्य के तेज के समान ऊर्जा बनी रहती है
- उत्तर दिशा: इसे धन की दिशा कहा गया है, जो देवी लक्ष्मी से जुड़ी है। इस दिशा में दीपक रखने से आर्थिक प्रगति होती है।
गलत दिशा से बचें: दक्षिण दिशा की ओर दीपक का मुंह नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह यम की दिशा मानी जाती है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
खंडित दीपक का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए
कई बार लोग पुराने या टूटे हुए दीपक का इस्तेमाल कर लेते हैं। लेकिन शास्त्रों के अनुसार खंडित दीपक (टूटा हुआ दीपक) अशुभ माना जाता है। इससे पूजा का फल अधूरा रह जाता है और घर में अस्थिरता का वातावरण बन सकता है। वास्तु विशेषज्ञ के अनुसार दीपक हमेशा स्वच्छ, साबुत और मिट्टी या पीतल का होना चाहिए। ऐसा दीपक को शुभ माना जाता है और इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
दीप जलाने से पहले और बाद में इन बातों का रखें ध्यान
- दीपक जलाने से पहले भगवान का स्मरण करें।
- घी या तिल के तेल का प्रयोग सबसे शुभ माना गया है।
- दीपक जलाते समय मन में “ॐ दीपज्योतिः परंब्रह्म” का जाप करें।
- पूजा समाप्त होने के बाद दीपक को फूंक मारकर न बुझाएं, बल्कि स्वयं बुझने दें।
- पूजा स्थल को प्रतिदिन साफ रखें और दीपक हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में ही जलाएं।
दीपक जलाने के पीछे छिपा वैज्ञानिक कारण
आधुनिक विज्ञान भी मानता है कि दीपक की लौ से निकलने वाली गर्मी और प्रकाश हमारे मस्तिष्क को शांति देते हैं। तिल के तेल का उपयोग वातावरण की शुद्धि करता है और मच्छरों को भी दूर रखता है। इसलिए, शाम को दीपक जलाना केवल धार्मिक नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभदायक है।
निष्कर्ष
शाम के समय दीपक जलाना सिर्फ पूजा का हिस्सा नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम है। यदि दीपक की दिशा, स्थिति और अवस्था का ध्यान रखा जाए तो यह घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य को बढ़ाता है और पूरे घर मे ऊर्जा का संचार करता है। तो अगली बार जब आप दीपक जलाएं, उसकी दिशा पर अवश्य ध्यान दें — क्योंकि एक छोटा सा दीप भी आपके जीवन को प्रकाश से भर सकता है।