किस विटामिन की कमी से जोड़ों में दर्द होता है?
आजकल जोड़ों में दर्द सिर्फ बुजुर्गों तक सीमित नहीं रहा बल्कि युवाओ में भी जोड़ो का दर्द पाया जाने लगा हे। बदलती जीवनशैली, डाइट और कामकाज के दबाव के कारण युवाओं में जोड़ों के दर्द (joint pain) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हाल ही में स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स ने बताया कि “भारत में 60% लोगों में विटामिन D की कमी है, जो जोड़ों के दर्द का मुख्य कारण है”। डॉक्टरों के अनुसार, अगर शरीर में Vitamin D और Calcium का स्तर लगातार कम रहता है, तो हड्डियाँ कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे दर्द और सूजन जैसी समस्याएँ बढ़ती हैं।
हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द क्यों होता है?
एक्सपर्ट्स का कहना हैं कि हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं — जैसे लंबे समय तक बैठकर काम करना, शरीर में सूजन, या पुरानी चोटें। लेकिन सबसे प्रमुख कारण है — विटामिन D और B12 की कमी। इसके अलावा ठंडे मौसम, अधिक वजन, और ज्यादा नमक या चीनी का सेवन भी जोड़ों की सूजन बढ़ा देता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोजाना सूरज की रोशनी से दूर रहते हैं, उनमें joint stiffness और दर्द की संभावना दोगुनी हो जाती है।
जोड़ों के दर्द के लिए क्या खाना चाहिए?
डॉक्टरों के मुताबिक, जो लोग जोड़ों के दर्द (Joint Pain) से परेशान हैं, उन्हें अपने भोजन में Vitamin D, Calcium, Omega-3 Fatty Acids और एंटीऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) ज़रूर शामिल करने चाहिए। नीचे कुछ फायदेमंद चीज़ें बताई गई हैं:
- रोज़ाना 20 मिनट सूरज की हल्की धूप लें
- दूध, दही, पनीर, बादाम और अंजीर का सेवन करें
- मछली, अंडे और सोया उत्पाद खाएं
- हरि सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी और बथुआ को भोजन में शामिल करें
इन सब खाद्य पदार्थों से शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है और जोड़ों की सूजन (joint inflammation) में राहत मिलती है।
जोड़ों के दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए?
जोड़ों के दर्द में क्या नहीं खाना चाहिए, यह जानना उतना ही ज़रूरी है जितना कि क्या खाना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार:
- जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, और तले हुए पदार्थ जोड़ों की सूजन बढ़ाते हैं।
- ज्यादा चीनी या नमक वाली चीजें शरीर में water retention बढ़ाती हैं, जिससे stiffness बढ़ती है।
- शराब और धूम्रपान भी जोड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं।
इन चीज़ों से बचकर और नियमित व्यायाम अपनाकर शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
Experts की राय: सही जीवनशैली से ही संभव है राहत
फिजियोथेरेपिस्ट और डाइटीशियन मानते हैं कि जो लोग डाइट, व्यायाम और विटामिन की पूर्ति पर ध्यान देते हैं, उन्हें जोड़ों के दर्द की समस्या बहुत कम होती है। यदि दर्द लगातार बना रहे, तो डॉक्टर की सलाह पर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए ताकि विटामिन D या B12 की कमी का पता चल सके। आज के समय में यह समस्या सिर्फ उम्र का नहीं, बल्कि अवेवस्थित जीवनशैली का संकेत बन चुकी है।